The Teacher's News

सीतापुर के बीएसए व शिक्षक के मध्य क्यों हुआ बवाल ?

प्राथमिक विद्यालय नदवा, ग्राम पंचायत हेलापारा (सदरपुर थाना क्षेत्र)

सहायक अध्यापिका अवंतिका गुप्ता पिछले 3-4 महीने से विद्यालय से नदारद 

 जुलाई में 20 दिन का मेडिकल लिया, फिर लगातार स्कूल से गायब रहने पर हेड मास्टर ने किया विरोध।

 ग्रामीणों का भी कहना— बच्चों की पढ़ाई ठप, लेकिन अध्यापिका पर कोई कार्रवाई नहीं

बीएसए अखिलेश प्रताप के विवादित कदम

 हेड मास्टर बृजेंद्र कुमार वर्मा पर बनाया दबाव— “1 साल तक इसे मत छेड़ो, वरना निलंबित कर दूंगा”।

 शिकायत करने पर उल्टा फर्जी नाम से IGRS शिकायत करवाई गई— जांच में सब सही पाया गया।

 10 साल की जांच करवाई गई— कंपोजिट ग्रांट समेत सब ठीक-ठाक मिला, विद्यालय की व्यवस्था बेहतरीन पाई गई।

बावजूद इसके अवंतिका गुप्ता को आईटीआई खैराबाद अटैच कर दिया गया।

पावना लॉक के समय हेड मास्टर ने प्रमाणित उपस्थिति मांगी, इस पर बीएसए भड़क गया।

 सहायक अध्यापक संतोष कुमार वर्मा का निलंबन कर दिया गया।

 समाधान बैठक के नाम पर बुलाकर प्री-प्लानिंग के तहत कार्रवाई की गई।

.   ग्रामीणों का सवाल

 “जो अध्यापिका महीनों से स्कूल नहीं आई, उस पर कार्रवाई क्यों नहीं”

 “बीएसए अखिलेश प्रताप आखिर किसके दबाव में काम कर रहे हैं”

 “शिकायत करने वाले मास्टर को जेल और निलंबन, जबकि दोषी पर चुप्पी क्यों”

 हेड मास्टर बृजेंद्र कुमार वर्मा का आरोप –

“पिछले 3 महीने से बीएसए अखिलेश प्रताप मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। अब पूरे मामले की निष्पक्ष प्रशासनिक जांच होनी चाहिए, तभी असली सच सामने आएगा।”



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